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लेखनी प्रतियोगिता -12-Apr-2022 लेखक का सपना

लेखक का सपना
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लेखक का सपना क्या?
वो तो खुद सपना है
सपनों में ही जीता है
सपनों में ही खाता पीता सोता है।
हसीन सपने देखता/दिखाता है,
सपनों का संसार सजाता है,
अपनी पीड़ा में भी
सपनों के रंग भरकर
अपनी दुकान चलाता है।
लेखक सपनों के महल
दुमहले बनाता है,
अपनें सपनों का
खुला प्रचार करता है,
क्योंकि छिपाने से उसका
हृदयगति बढ़ता है।
लेखक का अपना
कुछ भी तो नहीं होता,
और अगर होता भी है तो
सपनों की रंगीन दुनिया के सिवा
कुछ नहीं होता है।
कारण कि लेखक का
सुख,दुःख,हंँसना,रोना भी
सिर्फ सपना ही सपना है।
@सुधीर श्रीवास्तव
     गोण्डा(उ.प्र.)
   8115285921
©मौलिक, स्वरचित, 

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12 Comments

Fareha Sameen

13-Apr-2022 02:12 PM

बहुत अच्छा लिखा है

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Reyaan

13-Apr-2022 12:22 PM

Nice 👍🏼

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Shnaya

13-Apr-2022 12:05 PM

Nice

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